विविधताओं से भरा देश जिसमें रहने वाले अधिकाँश भारत को एक जागृत और सजीव राष्ट्र के रूप में स्वीकार करने वाले, पूजने वाले देशवासी हैं| बड़ा अद्भुत है! लेकिन अटपटा और विचित्र भी! क्योंकि इस देश की पहचान इसकी सामरिक, राजनीतिक या आर्थिक शक्ति कभी नहीं रही है| इसकी पहचान रही है- वैचारिक और सांस्कृतिक शक्ति| आज उसी पहचान को पूरी तरह से नष्ट कर देने की मंशा का हिलोरें मारना बड़ा दुखद है| दुखद है कि देश का नव-प्रबुद्ध वर्ग (इन्हें स्वयं-भू प्रबुद्ध कहना बेहतर होगा) राष्ट्र की आवाज को झूठ और भ्रमकारी संवादों की अदाकारी बना चुका है| राष्ट्र यदि सजीव है तो इसकी आवाज है पत्रकारिता और जिस तरह का चरित्रिक पतन भारत की मीडिया रूपी पत्रकारिता का हुआ है वह दयनीय है| जिस राष्ट्र की आवाज़ ही झूठी हो जायेगी उस राष्ट्र का पतन किस गर्त की ओर अग्रसर होगा कल्पना से परे है| मीडिया के इस मिथ्या आचरण पर गुरुदेव रबिन्द्रनाथ टैगोर की लिखी एक पंक्ति याद आती है “जहाँ चित्त भयमुक्त हो और सर गर्व के साथ उठा हो , जहाँ ज्ञान निशुल्क हो, जहाँ संसार को संकीर्णता की दीवारों से टुकड़ों में बांटा नहीं गया हो, जहाँ शब्द सत्य की गहराइयों से प्रस्फुटित होते हों….” आज इस विचार-प्रधान राष्ट्र के शब्द खोखले हो चुके हैं सत्य की गहराइयाँ नहीं सत्य की सतह को भी स्पर्श करने का साहस नहीं रहा इसकी आवाज में क्योंकि मीडिया (पत्रकारिता) ने राष्ट्र की आवाज़ का कॉपी-राईट खरीद रखा है और उसे अपने आर्थिक लाभ के लिये ऊँचे दाम पर बेच रही है| खबरें बनाई जा रही हैं, ख़बरें खरीदी और बेची जा रही हैं| कलम बिक चुकी है, देश की आवाज की नीलामी भरे बाजार हो रही है| पत्रकार फनकार बन चुके हैं और समाचार वाचक न्यूज एक्टर और न्यूज एक्ट्रेस बन भाव-भंगिमाओं को प्रदर्शित कर रहे हैं| अब तो कुछ नये जुमले भी वायरल हो रहे है- ‘छोटा पत्रकार छोटा दलाल, बड़ा पत्रकार बड़ा दलाल’, ‘रेड-लाईट एरिया में सिर्फ जिस्म बिकते हैं, ईमान खरीदना है तो मीडिया का दफ्तर अगले चौराहे पर है”| देश और जनता की आवाज बनने की जगह राजनीति की रक्काशा की भूमिका निभाने में ज्यादा फायदा नजर आया और इसने मंच की परवाह किये बिना चोला बदल लिया| काश कि देश के इस स्वघोषित प्रबुद्ध वर्ग को एक बात याद रहती कि देश की आत्मा झूठ की आवाज़ पर सिसकती है| भारत माता के दिल से निकली बात को उनका गला दबा कर उनकी जुबान काटकर तोड़ना, मरोड़ना फायदे का खेल बन चुका है इनके लिए| दुखद है, शर्मनाक है, वीभत्स है, राष्ट्र का दुर्भाग्य है, फिर भी आजाद हिंदुस्तान की आजाद मीडिया है, कुछ और नहीं पत्रकारिता का उपहास है| धंधा बन चुकी पत्रकारिता में शर्म है जो आती नही, और बेशर्मी है जो जाती नहीं| जिस तरह से भ्रष्ट राजनीति पर अंकुश के लिए एक लोकपाल की आवश्यता है ठीक उसी तरह भ्रष्ट पत्रकारिता के ईलाज के लिए एक पत्र-लोकपाल की उससे भी अधिक आवश्यकता है क्योंकि राजनीति को हर पांच वर्ष में एक बार शुद्धिकरण का मौका मिलता है लेकिन पत्रकारिता में शुद्धिकरण का कोई मौका नहीं होता| मेरे विचार से होना चाहिए|
Pages
- About Indian Youth Club
- Advocates and Ex-Judges Cell
- All Events
- Art & Culture Cell
- Bermain Slot di Server Thailand Super Gacor, Buktikan Keberuntunganmu!
- Blog
- Business Cell
- Complaint Cell
- Contact Address Home Page
- Doctor’s Cell
- Education Cell
- Event
- Events
- Events
- Ex-Soldier Cell
- FIGHT AGAINST CORRUPTION
- FIGHT AGAINST CRIME
- FIGHT AGAINST TERRORISM
- FIGHT AGAINST TERRORISM
- Gallery
- Home slider
- Home video
- Information
- Jangan Ketinggalan! Daftar dan Nikmati Bonus New Member 100% di Slot!
- Join Us
- launch magazine of aaaj ki delhi
- Main Slot di Server Thailand: Begini Cara Mudah Menang Tanpa Ribet!
- Make Donations
- Make Donations Ref
- Media Cell
- Mission
- Organization
- Others Cell
- Our Blog
- Pilih Slot Gacor Hari Ini dan Dapatkan Jackpot Gede Tanpa Banyak Usaha!
- Post your Blog
- PROTECT INDIAN CULTURE
- PROTECT THE ENVIRONMENT
- RURAL EDUCATION DEVELOPMENT
- Science & IT Technology Cell
- Search
- Search By Country
- Service Class Cell
- Slot Gacor: Bukan Mitos, Tapi Bisa Jadi Kenyataan!
- Sports Cell
- Submit Post
- Thank You
- View all post
- Voting
- Women Cell
- WOMEN’S AND CHILDREN DEVELOPMENT
- Youth Icon Awards
0 Comments
You must be logged in to post a comment.